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सोजे-ए-वतन--मुंशी प्रेमचंद


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क्रिसमस का दिन है, लंदन में चारों तरफ खुशियों का गर्म बाजारी है। छोटे-बड़े, अमीर-गरीब सब अपने-अपने घर खुशियां मना रहे हैं और अपने अच्छे से अच्छे कपड़े पहनकर गिरजाघरों में जा रहे हैं। कोई उदास सूरत नजर नहीं आती। ऐसे वक्त मैजिनी और रेफती दोनों उसी छोटी-सी अंधेरी कोठरी में सर झुकाए खामोश बैठे हैं। मैजिनी ठण्डी आहें भर रहा है और रफेती रह-रहकर दरवाजे पर आता है और बदमस्त शराबियों को और दिनों से ज्यादा बहकते और दीवानेपन की हरकतें करते देखकर अपनी गरीबी और मुहताजी की फिक्र दूर करना चाहता है । अफसोस ! इटली का सरताज, जिसकी एक ललकार पर हजारों आदमी अपना खून बहाने के लिए तैयार हो जाते थे, आज ऐसा मुहताज हो रहा है कि उसे खाने का ठिकाना नहीं। यहां तक कि आज सुबह से उसने एक सिगार भी नहीं पिया। तंबाकू ही दुनिया की वह नेमत थी जिससे वह हाथ नहीं खींच सकता था और वह भी आज उसे नसीब न हुआ। मगर इस वक्त उसे अपनी फिक्र नहीं रफेती, नौजवान, खुशहाल और खूबसूरत होनहार रफेती की फिक्र जी पर भारी हो रही है। वह पूछता है कि मुझे क्या हक है कि मैं एक ऐसे आदमी को अपने साथ गरीबी की तकलीफें झेलने पर मजबूर करुं जिसके स्वागत के लिए दुनिया की बस नेमतें बांहें खोले खड़ी हैं।
इतने में एक चिट्ठीरसा ने पूछा-जोजेफ मैजिनी यहां कहां रहता है ? अपनी चिट्ठी लेजा।
रफेती ने खत ले लिया और खुशी के जोश से उछलकर बोला-जोजेफ, यह लो, मैग्डलीन का खत है।
मैजिनी ने चौंककर खत ले लिया और बड़ी बेसब्री से खोला। लिफाफा खोलते ही थोड़े-से बालों का एक गुच्छा गिर पड़ा, जो मैग्डलीन ने क्रिसमस के उपहार के रुप में भेजा था। मैजिनी ने उस गुच्छे को चूमा और उसे उठाकर अपने सीने की जेब में खोंसे लिया। खत में लिखा था-
माइ डियर जोजेफ,
यह तुच्छ भेंट स्वीकार करो। भगवान करे तुम्हें एक सौ क्रिसमय देखने नसीब हों। इस यादगार को हमेशा अपने पास रखना और गरीब मैग्डलीन को भूलना मत। मैं और क्या लिखूं। कलेजा मुँह को आया जाता है। आय जोजेफ, मेरे प्यारे, मेरे स्वामी, मेरे मालिक जोजेफ, तू मुझे कब तक तड़पायेगा। अब जब्त नहीं होता। आंखों में आसूं उमड़े आते हैं। मैं तेरे साथ मुसीबतें झेलूंगी, भूखों मरुंगी, यह सब मुझे गवारा है, मगर तुझसे जुदा रहना गवारा नही। तुझे कसम है, तुझे अपने ईमान की कसम है, तुझे अपने वतन की कसम, यहां आ जा, यह आंखें तरस रही हैं, कब तूझे देखूंगी। क्रिसमस करीब है, मुझे क्या, जब तक जिन्दा हूं, तेरी हूं।
तुम्हारी
मैग्डल

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